भोजन संबन्धी कुछ नियम :-
⭐सभी व्यक्तियों को भोजन अपनी भूख से कम ही करना चाहिए। भोजन को खूब चबा-चबाकर खाना चाहिए और हमेशा पौष्टिक भोजन करना चाहिए। इस प्रकार का भोजन करने से रोगी व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।
⭐ व्यक्तियों को वही भोजन सेवन करना चाहिए जो औषधि के सामान होता है अर्थात वही भोजन करना चाहिए जो शुद्ध हो। कभी भी ऐसा भोजन नहीं करना चाहिए जो दूषित हो तथा शरीर को नुकसान पहुंचाने वाला हो।
⭐सभी व्यक्तियों को सुबह तथा शाम के समय में योग तथा व्यायाम करना चाहिए क्योंकि इससे स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। योग और व्यायाम का लाभ किसी प्रकार की औषधि से कम नहीं होता है। जिस प्रकार औषधि रोगों को ठीक कर देती है, वह भी बिना खर्च किये, ठीक उसी प्रकार योग तथा व्यायाम भी बिना खर्चे कई प्रकार के रोगों को ठीक कर देता है।
⭐ सभी मनुष्यों को हमेशा शांत तथा हसंमुख रहना चाहिए क्योंकि इससे स्वास्थ्य सही बना रहता है तथा शरीर निरोगी हो जाता है।
⭐ क्रोध, गुस्सा तथा लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे शरीर का नाश होता है तथा शरीर का स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन गिरता है।
⭐ व्यक्तियों को अपने जिंदगी में कभी भी निराश नहीं होना चाहिए तथा हमेशा खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए तभी शरीर का स्वास्थ्य बना रह सकता है।
⭐व्यक्तियों को खाना ऐसा खाना चाहिए जिससे शरीर को लाभ मिलता हो तथा पानी वह पीना चाहिए जो शरीर को निरोगी कर दें तथा सभी व्यक्तियों से ऐसी बोली बोलनी चाहिए जो सबको प्यारी लगती हो।
⭐ दिन में एक बार भोजन करना योग के समान होता है अर्थात जो व्यक्ति दिन में 1 बार भोजन करता है उससे उसके शरीर का स्वास्थ्य बना रहता है। जो व्यक्ति दिन में 2 बार भोजन करता है वह भोगी के समान होता है अथार्त उस व्यक्ति का स्वास्थ्य सही नहीं बना रहता है। जो व्यक्ति दिन में 3 बार भोजन करता है उसका भोजन रोगी के सामान होता है क्योंकि ऐसा करने से शरीर में कई प्रकार के रोग हो जाते हैं और शरीर का स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन गिरने लगता है। जब कोई व्यक्ति इन नियमों का पालन करता है तो उसका स्वास्थ्य बना रहता है तथा उसके शरीर में कोई रोग भी नहीं होते हैं।
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